1971 के बाद वाघा पर पहली बार बड़ा हमला, BSF ने बढ़ाई चौकसी,
अमृतसर। वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी क्षेत्र में रविवार शाम आत्मघाती हमला हुआ। इसमें 55 लोगों की मौत हुई, जबकि 200 घायल हैं। इसके बाद सतर्क हुई बीएसएफ ने वाघा बार्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। बीएसएफ ने जवानों की स्वर्ण जयंती द्वार पर तैनाती में इजाफा किया है।
1971 के बाद वाघा में पहली बार बड़ा हमला
जहां हमला हुआ, वहां से अमृतसर 32 किलोमीटर और लाहौर 22 किमी दूर है। वाघा में बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स 53 साल से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी करा रहे हैं। वाघा बॉर्डर पर हमला संभवत पहली बार हुआ है। यहां 1971 की जंग के बाद अब तक शांति रही है।
ऐतिहासिक जीटी रोड
वाघा जिस मार्ग पर है, वह आजादी से पहले पंजाब में ग्रैंड ट्रंक रोड नाम से मशहूर था। इसका इतिहास दो हजार साल पुराना है। कभी यह मार्ग काबुल (अफगानिस्तान) और चटगांव (बांग्लादेश) के बीच लिंक माना जाता था। हिंदू शासक इसे उत्तर पथ और मुगल शासक इसे सड़क-ए-आज़म कहते थे। ब्रितानी इतिहासकारों ने इसे लॉन्ग वॉक भी कहा था।
भारत को थी खुफिया सूचना
बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने बताया, ‘हमें भी एक पखवाड़े पहले खुफिया सूचना मिली थी। इसमें कहा गया था कि सेरेमनी के दौरान आतंकी हमला हो सकता है। हम अलर्ट थे।
1971 के बाद वाघा में पहली बार बड़ा हमला
जहां हमला हुआ, वहां से अमृतसर 32 किलोमीटर और लाहौर 22 किमी दूर है। वाघा में बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स 53 साल से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी करा रहे हैं। वाघा बॉर्डर पर हमला संभवत पहली बार हुआ है। यहां 1971 की जंग के बाद अब तक शांति रही है।
ऐतिहासिक जीटी रोड
वाघा जिस मार्ग पर है, वह आजादी से पहले पंजाब में ग्रैंड ट्रंक रोड नाम से मशहूर था। इसका इतिहास दो हजार साल पुराना है। कभी यह मार्ग काबुल (अफगानिस्तान) और चटगांव (बांग्लादेश) के बीच लिंक माना जाता था। हिंदू शासक इसे उत्तर पथ और मुगल शासक इसे सड़क-ए-आज़म कहते थे। ब्रितानी इतिहासकारों ने इसे लॉन्ग वॉक भी कहा था।
भारत को थी खुफिया सूचना
बीएसएफ के डीजी डीके पाठक ने बताया, ‘हमें भी एक पखवाड़े पहले खुफिया सूचना मिली थी। इसमें कहा गया था कि सेरेमनी के दौरान आतंकी हमला हो सकता है। हम अलर्ट थे।
http://www.bhaskar.com/
















Post a Comment
ما رأيك ..... شاركنا الرأي